
नई दिल्ली ,बिजनेस। यही साबित कर दिखाया है दिल्ली में रहने वाली ओशिना हंस ने। वैसे तो काफी लड़कियों और वुमंस ने लडको और मर्दो से आगे बढ़कर अपने आप को साबित किया है। दिल्ली की रहने वाली ओशिना हंस का कहना है की जब हम लड़किया किसी नए काम को करने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाते है तो हमारी सोसाइटी ,और मर्द उसे सिरियस नहीं लेते।ओशिना हंस को फैशन से जुड़ी चीजों में काफी इंट्रेस्ट है। यही वजह है कि उन्होंने ‘मॉडर्न मिथ’ नाम से बैग का स्टार्टअप entrepreneur startup शुरू किया है।
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बिजनेस बैकग्राउंड न होने के कारण उन्हें इस काम में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वे अपनी गलतियों से सीखती गईं और आज अपने स्टार्टअप से हर महीने 14-20 लाख रुपए कमाती हैं। उनके प्रोडक्ट की डिमांड कश्मीर से कन्याकुमारी तक हो रही है।आज हम आपको बताना चाहते है की अगर आपको भी ओशिना जैसे बैग का स्टार्टअप शुरू करना है तो आप भी कर सकते है। बस आपके अंदर ओशिना की तरह ही अपने काम के प्रति ईमानदारी होनी चाहिए।
जानिए इसकी शुरुआत कैसे हुई?
28 साल की ओशिना ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) से पढ़ाई करने के बाद एक फैशन एक्सपोर्ट हाउस में काम किया। ओशिना अपने परिवार की पहली लड़की हैं, जिसने नौकरी करने के बजाय बिजनेस को चुना।ओशिना का कहना है – मेरे मम्मी-पापा दोनों ही गवर्नमेंट जॉब में थे। इस वजह से वे चाहते थे कि मैं भी जॉब करूं। उनका मानना था कि गवर्नमेंट जॉब में किसी तरह का रिस्क नहीं रहता। जब मैंने उन्हें अपने बिजनेस प्लान के बारे में बताया तो उन्होंने साफ मना कर दिया। मैंने खुद को साबित करने के लिए उनसे 6 महीने का समय मांगा। 2019 फरवरी में अपने दोस्त सौरभ टोकस के साथ मिलकर मॉडर्न मिथ को लॉन्च कर दिया।
वीगन मटेरियल से तैयार होते हैं बैग
‘मॉडर्न मिथ’ के सभी प्रोडक्ट वीगन मटेरियल से तैयार होते हैं, जिनमें रेजिन, कॉर्क, कॉटन कैनवास के अलावा अनानास वेस्ट और कैक्टस फाइबर का इस्तेमाल होता है। ओशिना ऑनलाइन मार्केटिंग के जरिए अपने प्रोडक्ट सीधे कस्टमर तक पहुंचा रही हैं। फिलहाल इनके स्टार्टअप के जरिए करीब 15 लोगों को रोजगार मिला हुआ है।
बैग का बिजनेस ही क्यों चुना?
भारत में फैशन इंडस्ट्री से जुड़े बिजनेस में काफी अच्छा स्कोप है। बस,आपको आपके टारगेट ऑडियंस के बारे में पता होना चाहिए। इससे आपको मार्केट में जगह बनाने में आसानी होगी।ओशिना का कहना है की पढ़ाई के बाद एक्सपोर्ट हाउस में जॉब करना मेरे लिए फायदेमंद साबित हुआ। वहां कई तरह के कस्टमर मिले। उनसे बात करने और उनकी डिमांड जानने के बाद समझ में आया कि बैग के बिजनेस में अच्छा स्कोप है।
मैं खुद भी ट्रेंडी हूं, मेरा फैशन टेस्ट बेहतर है। इस वजह से मुझे कॉन्फिडेंस था कि ये बिजनेस अच्छा चलेगा। ओशिना ने बिजनेस शुरू करने से पहले 6 महीने तक रिसर्च किया। लोगों के फैशन टेस्ट को देखते हुए उन्होंने करीब 100 तरह के बैग तैयार किए। कई तरह के बैग चेक किए और सिर्फ 33 प्रोडक्ट के साथ अपना ब्रांड लॉन्च किया।
क्या खासियत है इन बैग्स की?
फैशन इंडस्ट्री में क्वालिटी और डिजाइन, दोनों ही बेहतर होने जरूरी हैं। इसी कारण ओशिना ने सबसे पहले अच्छे कारीगरों की तलाश की। ओशिना हंस का कहना है कि मैंने उन कारीगरों को ढूंढा, जिनकी कई जनरेशन इस काम से जुड़ी हुई हैं। मेरी यूनिट पर काम करने वाले कारीगर उत्तर प्रदेश से हैं। वे हाथों से ही काफी खूबसूरत डिजाइन तैयार करते हैं। कारीगरों के अलावा मटेरियल पर भी ध्यान दिया। फिलहाल हम रेसिन, कॉर्क और कॉटन कैनवास पर काम कर रहे हैं।
ये मटेरियल दिल्ली और कोलकाता के लोकल वेंडर से खरीदती हूं। इसके अलावा हम सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए अनानास वेस्ट और कैक्टस फाइबर से भी बैग बनाने के काम कर रहे हैं। हमारे यहां करीब 130 तरह के बैग की वैरायटी हैं, जिनमें हैंड बैग, टोट्स, स्लिंग बैग, मेकअप पाउच, ट्रेवलिंग बैग और लैपटॉप बैग शामिल है।
कितनी लागत से शुरू किया?
ओशिना और सौरभ ने स्टार्टअप entrepreneur startup के लिए अपनी सेविंग्स का इस्तेमाल किया। ओशिना का कहना है कि ‘मुझे सेविंग करने की आदत है,ओशिना जब जॉब में थी तब से ही पैसे सेव कर रही थी। उनका कहना है कि मैंने और सौरभ ने मिलकर 6 लाख रुपए जमा किए। लोन लेने के बजाय हमने छोटे स्केल पर काम करना बेहतर समझा।
जिसके लिए हमने 500 स्क्वेयर फीट की एक जगह ली, चार सिलाई मशीन, कुछ जरूरी सामान और कारीगर के साथ काम करने लगे। हमारी जो इनकम होती, उससे हम बिजनेस बढ़ाते जाते। सिर्फ 4 कारीगरों से हमने काम शुरू किया था। आज हमारे पास 15 कारीगर और 10 मशीनें हैं।’ओशिना लगातार अच्छी टेक्नोलॉजी और डिजाइन पर काम कर रही हैं। इस वजह से उनके कस्टमर भी नार्थ से लेकर साउथ में बढ़ते जा रहे हैं। अब वे हर महीने 14 से 20 लाख रुपए तक कमा रही हैं।
अब तक बतौर बिजनेस वुमन कैसा एक्सपीरिएंस रहा है?
लड़की होने के कारण शुरू में कई लोगों ने उनके बिजनेस आइडिया को गंभीरता से नहीं लिया। यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी मुश्किलें भी आईं। ओशिना कहती हैं, ‘जब मैं शुरू में दिल्ली के लोकल मार्केट में रॉ मटेरियल लेने जाती थी, तो सप्लायर मुझे सीरियसली नहीं लेते थे। उन्हें लगता था कि मैं विंडो शॉपिंग के लिए आई हूं। अब जब मेरे प्रोडक्ट्स की डिमांड बढ़ रही है, तो वही लोग अपनी शॉप में आने के लिए रिक्वेस्ट करते हैं।ओशिना को ऑनलाइन मार्केट प्लेस में अपनी जगह बनाने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। ऑनलाइन में हजारों प्रोडक्ट उपलब्ध हैं। ऐसे में कस्टमर का भरोसा जीतना थोड़ा मुश्किल होता है।’
आप भी ओशिना की तरह अपना काम को शुरू कर सकते हैंओशिना ने स्टार्टअप शुरू करने से पहले टेक्सटाइल डिजाइन में डिग्री की है। वे कहती हैं कि पढ़ाई से ज्यादा जॉब में मिले अनुभव मेरे काम आए। जो लोग इसमें आना चाहते हैं उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए…
प्रोडक्ट या उसकी इंडस्ट्री के बारे में अच्छी तरह से रिसर्च करें।बेहतर होगा कि अपना बिजनेस शुरू करने से पहले किसी और के पास जॉब कर बिजनेस की बारीकियां सीखें।अनुभव मिलने के बाद आप एक छोटे सेटअप के साथ काम की शुरुआत करें।टार्गेट ऑडियंस को पहचानें और उस आधार पर मार्केट की डिमांड को जानें।
1 thought on “Startup लहरों से नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती”